- इतिहास क्या है ?
- इतिहास के स्त्रोतों के महत्व व उपयोगिता !
- ऐतिहासिक धरोहरों के महत्व एवं उनके सुरक्षा में हमारा क्या दायित्व है ?
- पुरातात्विक स्त्रोत
- साहित्यिक स्त्रोत
इसकी खोज पद्मश्री ड़ॉ. वि.श्री. वाकणकर के द्वारा की गई थी ! इस स्थल को विश्व धरोहर सूची में सम्मिलित किया गया है !
यूनानी यात्री मेगस्थनीज, चीनी यात्री ह्वेनसांग, फाह्यान तथा इत्सिंग और अन्य देशों के यात्रियों ने हमारे देश की यात्रा-विवरण से हमें उस समय की सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी मिलती है !
समय के प्रवाह के साथ-साथ व्यापार वाणिज्य ने अपनी जगह बनाई ! व्यापारी एक स्थान से दूसरे स्थान पर गये, आपसी मेल-मिलाप हुआ ! लेन-देन बढ़ा ! संस्कृति का परिवर्तन क्रम शुरू हुआ ! भाषा एवं लिपि एक स्थान से दूसरे स्थान से दूसरे स्थान पर गई तथा विभिन्न भाषाओं के मिश्रण से नई भाषाओं ने जन्म लिया ! जीवन के क्षेत्रों में परिवर्तन शुरू होकर जीवन मूल्यों में परिवर्तन का दौर शूरू हुआ !
हमें अपने देश की प्राचीन धरोहरों की रक्षा करना चाहिये क्योंकि उन्हीं के आधार पर हमें अपने अतीत की जानकारी मिलती है ! प्राचीन धरोहरें राष्ट्र की गौरवशाली संस्कृति की परिचायक होती है !
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