Amarnath Gufa Kaha Hai – Amarnath Gufa Ka Rahasya Kya Hai – Hindi – Jaane.in

हिन्दू धर्म में सबसे ज्यदा पूजे जाने वाले शंकर का एक रूप है बाबा बर्फानी का मंदिर और इस मंदिर में कई रहस्य आज भी छिपे हुए हैं तो इस पोस्ट में हम Amarnath-Gufa-Kaha-Hai-Amarnath-Gufa-Ka-Rahasya-Kya-Hai-Hindi-Jaane.in के बारे में पढेंगे.

 

Amarnath Gufa Kaha Hai ?

अमरनाथ कश्मीर राज्य के श्रीनगर सहर के उतर पूर्व में 135 किलोमीटर समुद्र ताल से १३६०० फीट की ऊचाई स्थित है इसकी लम्बाई 11 मीटर और चोड़ाई १६ मीटर है गुफा की उचाई 11 मीटर है अमरनाथ को तीर्थो का तीर्थ कहा जाता है क्योकि इसी जगह पर शिवजी ने पार्वती माँ को अमरत्व की कथा सुनाई थी अमरनाथ की गुफा श्रीनगर के उतर -पूर्व में 135 किलोमीटर दूर है.

 

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इसकी ऊचाई 13 हजार ,600 फूट है इस गुफा की लम्बाई 19 मीटर चोड़ाई 11 मीटर है अमरनाथ मंदिर की गुफा चारो और से बर्फ से घिरी हुई है इस गुफा में इक सुंदर शिवलिंग का निर्माण होता है जो बर्फ से बना है भारत का एक राज्य है श्रीनगर है उसी राज्य के अंतर्गत अमरनाथ आता है जहा बाबा बर्फानी की शिवलिंग बनती है अमरनाथ ग्लेयेसियर से जुड़ा हुआ है उतरी रास्ते में अमरनाथ घाटी और अम्रावाथी देखने को मिलती है.

Amarnath Gufa Kyu Prasiddh Hai ?

हिमालय की गोदी में भगवान शिव को समर्पित अमरनाथ की गुफा है जो हिन्दुओ का सबसे प्रसिध तीर्थ यात्रा मानी जाती है इस जगह पर लाखो करोड़ो भक्त उस स्थान पर जाते है बाबा बर्फानी के दर्शन बहुत ही दुर्लभ होते है ये दर्शन सावन के महीने में होते है इन्हें स्व्यभु ‘हिमानी शिवलिंग ‘आदि के नामो से इन्हें जाना जाता है यह यात्रा पुरे 25 दिन की होती है जुलाई और आगस्त के महीने में बनते है.

 

Amarnath Gufa Ki Khoj Ke Bare Me Bataye ?

इस गुफा की खोज 15 वी सताव्दी के समय खोज हुई थी इस गुफा से एक कहानी है की भ्रग मुनी थे कहा जाता है की उन्होंने जलमग्न होकर कश्मीर घाटी में कई नदीयो का बहाब किया था इसी कारण जब पानी हटा तो शिवलिंग के सबसे पहली बार दर्शन उन्हें ही हुए थे यह शिवलिंग भोलेनाथ की शिवलिंग कहलाने लगी पानी की बूंदों के गिर के जमने की वजह से पत्त्थर का आरोही निछेप बन जाता है हिन्दू धर्म में इस बर्फीले पत्थर को शिवलिंग मानते है.

 

Amarnath Gufa Ki Kya Kahani Hai ?

अमरनाथ मन्दिर की कहानी बहुत प्रसिध है इस कहानी को भगवान शिव ने माता पार्वती को इस गुफा में जाकर सुनाई थी इसको सुनते ही सुक-शिसु ऋषि अमर हो गये गुफा में आज भी श्रध्दालुओ को कबूतरों का एक दिखाई दे तो ऐसा माना जाता है की शिवपार्वती स्वयं दर्शन देते है और जिसको ये दिखाई देता है उसे मुक्ती मिल जाती है जब शिव जी पार्वती जी को कथा सुनाने ले जा रहे थे तब उन्होंने नागो को अनंतनाग में छोड़ा ,माथे के चन्दन को चन्दनबा ङी में छोड़ा और गले के सेसनाग को सेसनाग नामक स्थान पर छोड़ा ये सभी आज भी यात्रा के मार्ग में आते है.

Amarnath Gufa Yatra Kaise Karen ?

अमरनाथ के दर्शन करने के दो प्रमुख मार्ग है अमरनाथ का की यात्रा को पैदल चलकर करनी पडती है वृधो के लिये पालकी की व्यवस्था होती है पहलगाम जाने वाला रास्ता बहुत ही सरल और सुविधाजनक माना जाता है बालटाल से अमरनाथ की दूरी 14 किलोमीटर है यह बहुत खतरनाक रास्ता है इस मार्ग से जाने पर भारतसरकार की कोई जिम्मेदारी नही होती है.

पह्लग्राम से यात्रा करने पर पहले चंदनबाङी पड़ता है ,जो पह्लग्राम से 8 किलोमीटर दूरी पर है यह पर रात रुकने की भी व्यवस्था होती है इस तरह मार्ग में पिसू घाटी पड़ता है इस मार्ग में आगे चलने पर इसी नदीपर बर्फ का पुल सलामत रहता है इसे 14 किलोमीटर सेसनाग नमक स्थान है यह मार्ग चड़ाई बाला और खतरनाक है यही पर पीसू घाटी के दर्शन होते है ये समुद्र ताल से 11,१२० फीट की उचाई पर है इन पर्वतमालाओ पर नीले पानी की खुबसूरत झील है और आगे सेसनाग झील मिलती है.

इस झील में नाग 24 घंटे में एक बार दिखाई देते है ऊचाई के कारण सास लेने में परेशानी होती है इस कारण से ओक्स्सीजन की जरूरत पड़ती है यहा से अमरनाथ जी 8 किलोमीटर दूर रह जाते है और रस्ते में बर्फ ही बर्फ मिलती है जेसे ही गुफा में पहुचते है सारी थकान दूर हो जाती है और आनंद की प्राप्ती होती है.

 

Amarnath Gufa ka rahasya kya hai ?

गुफा में आज भी श्रध्दालुओ को कबूतरों का एक दिखाई दे तो ऐसा माना जाता है की शिवपार्वती स्वयं दर्शन देते है और जिसको ये दिखाई देता है उसे मुक्ती मिल जाती है जब शिव जी पार्वती जी को कथा सुनाने ले जा रहे थे तब उन्होंने नागो को अनंतनाग में छोड़ा ,माथे के चन्दन को चन्दनबा ङी में छोड़ा और गले के सेसनाग को सेसनाग नामक स्थान पर छोड़ा ये सभी आज भी यात्रा के मार्ग में आते है.

अमरनाथ की गुफा के बहुत से रहस्य हे जो कोई भी नही जान पाया है ये बहुत ही अद्भुत है ऐसा माना जाता है की इस गुफा में दो कबूतर रहते है. जब शिवजी पार्वती जी को कथा सुना रहे थे अमर होने की तब इन दोनों ने भी कथा सुन ली और आज भी ये जीवीत है तथा ऐसा माना जाता है की इनका दर्शन बहुत ही भाग्यशाली को मिल पता है माना जाता है की बाबा बर्फानी ठोस बर्फ के बने होते है लेकिन इस गुफा में बर्फ ऐसे पड़ती हे की हाथ में लेते ही बो भुरभुरी हो जाती है पिघल जाती है.

अमरनाथ शिवलिंग से कई फीट दूर गणेश ,भेरव और पार्वती के वेसे ही अलग अलग हिमखंड है एक और हेरान करने वाली बात है की चन्द्रमा के घटने बढने से शिवलिंग का आकार घटता बड़ता है इस शिवलिंग के लम्बाई 10 फीट तक होती है इसी तरह शिवलिंग के दर्शन हो पाते है एक तोता भी इस कथा को सुनकर अमर हो गया ये शिवलिंग बूंद बूंद करके धीरे धीरे बनती है और चंद्रमा के घटने के सतह ही यह पिघलने लगती है अमरनाथ की यात्रा करने के प्रमाण महाभारत और बोध काल में भी मिलते है.

कश्मीर के सासको में से जेनुल्बुधीन ने अमरनाथ की यात्रा की थी माना जाता है की सभी दर्शनों में अमरनाथ जी के दर्शन सबसे महत्वपूर्ण माने जाते है जहा बाबा बर्फानी की शिवलिंग बनती है अमरनाथ ग्लेयेसियर से जुड़ा हुआ है उतरी रास्ते में अमरनाथ घाटी और अम्रावाथी देखने को मिलती है.

 

 

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