Durga Puja Ka Dusra Din – Brahmacharini Mata Ka Mehatva – Brahmacharini Durga Roop Kyu Vyakhyat Hua

आप नव रात्रि का त्यौहार तो मानते हैं लेकिन क्या आपको पता है की नव रात्रि में माँ दुर्गा का दूसरा दिन क्यों मनाया जाता है और माँ दुर्गा के किस रूप की पूजन की जाती है तो आइये हम Durga Puja Ka Dusra Din – Brahmacharini Mata Ka Mehatva – Brahmacharini Durga Roop Kyu Vyakhyat Hua पोस्ट में पड़ते हैं.

 

Durga Puja Ke Dusre Din Kon Si Mata Ka Hota Hai ?

नवदुर्गा के दुसरे दिन माँ ब्राह्चारनी की पूजन की जाती है ब्रह्म्चारनी दो शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ में जहा ब्रम्ह का अर्थ है तपस्या और चारनी का अर्थ है आचरण क्ररने बाली,

 

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ये ब्रम्हा जी के सामान ही दिखाई देती है इनके हाथ में सफ़ेद कमल का फुल होता है कठोर तपस्या की थी माँ ने इस कारण ही उनका नाम माँ ब्रम्ह्चारनी पड़ा.

Durga Puja Ke Dusre Din Me Brahmacharini Mata Ka Mehatva Kya Hai ?

माँ की पूजन करने से पहले हमे हरे रंग के कपड़ो को धारण करना चाहिए और फिर एक चोकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर माँ की तस्वीर रखना चाहिए और थाली में घी, शक्कर, दही आदि से स्नान कराना चाहिए और फिर माँ का ध्यान करना चाहिए और मन्त्र का उचारण करना चाहिए

या देवी सर्व भूते सु ब्रम्ह्चारनी रुपे सस्था नमो तस्य नमो तस्य नमो नम:

इसे १०८ बार करना चाहिये तथा धूपदीप से माँ के आरती करना चाहिये और इस दिन चीनी का दान करना बहुत ही सुभ होता है.

 

Brahmacharini Durga Roop Ki Pujan Vidhi Kya Hai ?

सर्वप्रथम माँ को रोली अक्छत और फूल से माँ की पूजन करे घर्त और म्रदु से स्नान कराए व देवी को प्रसाद अर्पित करे और फिर पान सुपारी भेट करे कलश देवता की पूजा के वाद नवग्रह, और नगर देवता की पूजा करे और पीर हाथो में फूल लेकर आराधना करे और हमे नीले रंग के वस्त्र पहनकर करना चाहिये और माँ का आशीर्वाद और उनकी कृपा हम पर बनी रहती है.

 

Brahmacharini Durga Roop Kyu Vyakhyat Hua ?

माँ दुर्गा का यह रूप को अनंत फल देने वाला है इनकी उपसना से तप परिश्रम, वैराग्य सदाचार होता है माँ का यह रूप बहुत ही भव्य है इनके दाये हाथ में जप की एक माला है और बाये हाथ में ये कमंडल धारण किये हुए है.

ऐसा बताया जाता है कि पूर्व जन्म में इन्होने हिमालय के घर जन्म लिया था और नारद जी के उपदेश से भगवन संकर को पती के रूप में प्राप्त करने के लिये घोर तपस्या की थी इसके कारण इन्हें ब्रम्ह्चाड्नी के नाम से जाना जाता है कुछ दिन कठोर उपवास रखे और खुले आसमान के नीचे और पत्र खाए और भगवान संकर की उपासना की और फिर बेलपत्र भी खाना भी बंद कर दी इसी करण इनका नाम अर्पणा हो गया ब्रम्हा जी से ही इनकी उत्पती हुई सफ़ेद रंग के वस्त्र धारण करती है

 

Durga Puja Me Doosre Din Vrat Rakhne Se kya Phal Milta Hai ?

माँ का ध्यान सच्चे मन से करते है उन्हें सुख और आरोग्य की प्राप्ती होती है किसी प्रकार का भय नही सताता है हर संकट दुर हो जाते है सर्व सिधी मिलती है इनका यही उदेश्य हे की मन को कठीन समय में धेर्य रखना चाहिये और विजय की प्राप्ती होती है इस दिन ऐसी कनयाओ का भोजन कराया जाता है जिनका विवाह निश्चित हो गया हो उन्हें वस्त्र ,पात्र दान दिए जाते है.

 

आपको माँ दुर्गा की दुर्गा पूजन के दुसरे दिन के बारे में जानकारी जरुर पसंद आई होगी आप अपने दोस्तों के साथ Durga Puja Ka Dusra Din – Brahmacharini Mata Ka Mehatva – Brahmacharini Durga Roop Kyu Vyakhyat Hua जानकारी को जरुर share करें.

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