Durga Puja Ka Nava Din – Maa Siddhidatri Ka Mehatva – Maa Siddhidatri Roop Kyu Vyakhyat Hua

नवरात्री के आखरी दिन दुर्गा माँ के किस स्वरुप की पूजन की जाती है और नवरात्री में नवे दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजन विधि क्या है ? तो आज हम Durga Puja Ka Nava Din – Maa Siddhidatri Ka Mehatva – Maa Siddhidatri Roop Kyu Vyakhyat Hua के बारे में पढेंगे.

 

Durga Puja ka Nabe din kon si mata ka hota hai ?

नवरात्रि में नवी दिन मां सिद्धिदात्री की पूजन की जाती है माता सिद्धिदात्री सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली मां है नवरात्रि में इनकी उपासना का विशेष महत्व बताया जाता है शास्त्रों में सिद्धिदात्री की पूजा करने के लिए विशेष विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधकों को सिद्धियां प्राप्त होती हैं ऐसा भी बताया गया है

 

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माता सिद्धिदात्री की भक्ति करने से किसी भी प्रकार की सिद्धि प्राप्त की जा सकती है.

 

Durga Puja Ke Nabe Din Me Shidhdhhi Datri Mata Ka Mehatva Kya Hai ?

मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजन कर शिव जी ने भी आठ प्रकार की सिद्धियां प्राप्त की थी इन सिद्धियों में गरिमा, महिमा, अणिमा, लघिमा, प्रकाम्या, प्राप्ति वशित्व और ईशित्व शामिल है.

भगवान शिव को अर्धनारेश्वर नाम मिलने की वजह माता सिद्धिदात्री की कृपा है क्योंकि सिद्धिदात्री मां के कारण ही शिवजी का आधा शरीर देवी रूप में बना था नंदा पर्वत जोकि हिमाचल में प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है वहां ऐसा भी माना जाता है कि सिद्धिदात्री मां की कृपा से ही भगवान शिव को आठों सिद्धियां प्राप्त हुई थी.

 

Shidhdhhi Datri Durga Roop Ki Pujan Vidhi Kya Hai ?

माता सिद्धिदात्री के पूजन करने के लिए स्नान करने के पश्चात लाल रंग के वस्त्रों को धारण करें माता की प्रतिमा के समक्ष घी का दीपक जलाएं अगर हो सके तो माता सिद्धिदात्री को कमल का फूल अर्पित करें क्योंकि कमल का फूल माता सिद्धिदात्री को प्रसन्न करता है इसके अलावा कोई एक फल या भोजन मां को अर्पित करें अगर आप कोई फल मां को अर्पित कर रहे हैं तो उसे लाल रंग के वस्त्र में लपेटकर अर्पित कर दें और मां की आंख बंद कर हाथ जोड़कर आराधना करें इसके पश्चात आरती कर प्रसाद वितरित करें.

निर्धनों को भोजन कराना या कन्या भोज कराने से भी मां सिद्धिदात्री प्रसन्न होती हैं

 

Shidhdhhi Datri, Durga Roop Kyu Vyakhyat Hua ?

नवरात्रि के नवे दिन मां सिद्धिदात्री के पूजन अर्चन किया जाता है मां सिद्धिदात्री का दुर्गा रूप विख्यात होने की एक वजह यह भी थी कि उन्होंने भगवान शिव जी को सिद्धियां दी थी भगवान शिव ने माता की आराधना की जिससे कि उन्हें विशेष आठ सिद्धियां प्राप्त हुई इसके अतिरिक्त भगवान शिव का अर्थ नागेश्वर रूप में सिद्धिदात्री मां का होना दुर्गा मां के इस रूप को व्याख्या करता है.

 

Durga Puja Me Nabe Din Vrat Rakhne Se kya Fal Milta hai ?

नवरात्रि में दुर्गा पूजा के नवे दिन व्रत रखने से माता सिद्धिदात्री प्रसन्न होती हैं और उनके भक्तों को भक्तों की हर तरह की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं माता सिद्धिदात्री दुर्गा का एक विशेष स्वरुप है इनकी आराधना करने से मन को शांति और घर में सुख वैभव आता है भक्तों के संकट मिट जाते हैं और भक्तों की सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं.

 

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