नवरात्री के सातवे दिन किस माँ की पूजन की जाती है और साथ ही सातवे दिन पूजन करने का महत्व क्या है ? आपको इस पोस्ट में माँ कालरात्रि के बारे में Durga-Puja-Ka-Satva-Din-Maa-KaalRatri-ka-Mehatva-Maa-KaalRatri-Roop-Kyu-Vyakhyat-Hua जानकारी मिलेगी.
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Durga Puja Ka Satve Din Kon Si Mata Ka Hota Hai ?
नवरात्रि में दुर्गा पूजा का सातवां दिन मां कालरात्रि का होता है सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा अर्चना की जाती है दुर्गा मां का यह सातवां दिन नवरात्रि के दिनों में बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण बताया गया है.

मां कालरात्रि को सदैव शुभ फल देने के कारण शुभ कार्य भी कहा जाता है और साथ ही ऐसा माना जाता है कि मां कालरात्रि की पूजा करने से मनुष्य के जीवन के सभी कालों का नाश होता है
मां दुर्गा का यह कालरात्रि स्वरूप वीरता और साहस का एक प्रतिरूप माना जाता है साथ ही मां कालरात्रि की कृपा से भक्त हमेशा भय से मुक्त रहते हैं.
Durga Puja Ke Satve Din Me KaalRatri Mata Ka Mehatva Kya Hai ?
मां दुर्गा का कालरात्रि रूप मां के भक्तों के हर प्रकार के भय को नष्ट कर देता है जीवन की हर समस्या को मां कालरात्रि के दर्शन मात्र से पल भर में दूर करने की शक्ति प्रदान करता है.
ऐसा भी माना जाता है कि शत्रु का नाश करने वाली मां कालरात्रि अपने भक्तों को किसी भी परिस्थिति में विजय दिलाती हैं देवी कालरात्रि की पूजा करने से कई मानसिक दोष भी दूर होते हैं साथ ही काम क्रोध और लोग जैसे भाव से मुक्त होते हैं.
KaalRatri Durga Roop Ki Pujan Vidhi Kya Hai ?
नवरात्रों में दुर्गा पूजा के साथ में धन मां कालरात्रि की पूजन करने के लिए सुबह उठकर स्नान करने के पश्चात स्वस्थ वस्त्रों को धारण करें फिर मां कालरात्रि की विधि विधान से पूजा अर्चना करें बीवी को अक्षत रातरानी के पुष्प धूप बत्ती गुड और नवेद आदि विधि पूर्वक अर्पित करें इसके पश्चात मां दुर्गा की आरती करें और साथ ही सुरक्षा से ब्राह्मणों को दान दें यह करने से मां कालरात्रि आपको आपके जीवन में आने वाले अकस्मिक संकटों से बचाती है.
मां कालरात्रि की पूजन करते समय अपने सिर पर सफेद रुमाल आदि को रखें, नवरात्रि के सातवें दिन पर मां कालरात्रि की रात में भी विशेष अनुष्ठान और विधान ओं के साथ पूजा अर्चना की जाती है जो की बहुत ही भव्य होती है.
KaalRatri Durga Roop Kyu Vyakhyat Hua ?
मां दुर्गा का कालरात्रि स्वरूप कलयुग में प्रत्यक्ष फल देने वाला है काली भैरव तथा भगवान हनुमान जी ही ऐसे देवता बताए गए हैं जो कलयुग में जागृत होकर भी भक्तों को मनोवांछित फल दे सकते हैं इसलिए कलयुग के साथ ही जुड़ कर कालरात्रि मां को काली मां भी कहते हैं और साथ ही इसके अलावा इन्हें दक्षिण काली, महाकाली, मातृ काली और भद्रकाली के नाम से भी जाना जाता है.
दुर्गा मां के मां कालरात्रि रूप ने दुर्गा सप्तशती में महिषासुर नामक दैत्य का वध किया था उस समय कालरात्रि मां को मां भद्रकाली नाम से जान आ गया था.
Durga Puja Me Satve Din Vrat Rakhne Se Kya Fal Milta Hai ?
दुर्गा मां का कालरात्रि रूप बहुत ही विकराल है मां कालरात्रि के मस्तक पर तीसरा नेत्र शिवजी की तरह ही अवतरित है ऐसा बताया जाता है की मां कालरात्रि से मांगी गई हर दुआ पूरी होती है मां का तीसरा नेत्र हमें भक्ति के मार्ग पर चलते हुए सीधे ईश्वर के करीब पहुंचाता है और साथ ही तीसरा नेत्र हमें यह भी बताता है कि हमारे अंतर्मन में हमें हर उलझन का सही रास्ता मिलेगा.
मां कालरात्रि के पूजन करने से भय दूर होते हैं और समस्त कठिनाइयों से लड़ने की क्षमता मिलती है माता भक्तों के सभी दुखों को हर लेती है और उनके जीवन में धन और सुख शांति की बढ़ोतरी करती है.
आपको नवरात्री की सातवे दिन माँ कालरात्रि के बारे में जानकारी जरुर पसंद आई होगी आप अपने दोस्तों के साथ Durga-Puja-Ka-Satva-Din-Maa-KaalRatri-ka-Mehatva-Maa-KaalRatri-Roop-Kyu-Vyakhyat-Hua जरुर share करें.
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