रुक रुक के बात करते तो अपने बहुत लोगो को देखा होगा और हो सकता है कि आपकी जान पहचान में भी कोई रुक रुक के बात करता हो तो इस रुक रुक के बात करने को हकलाना कहते है. तो इस पोस्ट में हम .. बारे में पढेंगे.
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Haklana Kise Kehte Hain ?
बात करते समय रुक रुक कर बात करने पर जब किसी व्यक्ति के शब्द जल्दी-जल्दी नहीं निकलते तो वह शब्दों का ठीक से उच्चारण नहीं कर पाता इसे हकलाना कहते हैं.

यह भी कहा जा सकता है कि जब स्वर नाली ठीक से काम ना करें या बात करते समय जुबान तेजी से ना चल पाए तो व्यक्ति को बोलने में अटकन महसूस होती है यह अटकन रूकावट होने के कारण हकलाना कहलाती है हकलाने को स्टैमरिंग भी कहते हैं.
Haklane Ka Kya Karan Hota Hai ?
हकलाने के कई कारण होते हैं जिनमें से कुछ कारणों को हम इस प्रकार जान सकते हैं जो कि निम्न है-
- बोलते समय अंगों की मांसपेशियों को नियंत्रण नियंत्रण करने में असमर्थता होती है तब मुंह से बात करते समय शब्दों की लड़खड़ाहट होती है इसी कारण मनुष्य चलाता है.
- जब बात करते समय बोलने वाले अंगों को शब्दों के उच्चारण में किसी प्रकार की दिक्कत होती है तो उस कारण भी मनुष्य हकलाता है.
- बातचीत करते समय किसी प्रकार से जीबी आओ तो होठों का आपसी तालमेल नहीं होता तो उस समय ऐसा प्रतीत होता है कि व्यक्ति हकला रहा है और हकलाते समय भी यही होता है.
- कई बार ऐसा भी होता है कि मनुष्य ठीक तरह से बात करने का आत्मविश्वास खो देता है और वह बात करते समय शब्दों में अटक नहीं लगता है उस कारण से भी वह कई बार हकलाने लगता है.
- मनुष्य के हकलाने का कारण कई बार यही भी होता है कि वह किसी गहन चिंता या किसी घटना या तनावपूर्ण पर्यावरण से में शामिल हो जिसके कारण उसको तनाववृत्ति हो रही हो तो वह बात करते समय हकलाने लगता है.
Haklane Ka ilaj Kya Hai ?
हकलाने के इलाज के अंतर्गत आपको समय-समय पर सुमन हॉट जबड़े फेफड़ों सहित कई अंगों का व्यायाम करना चाहिए जिससे कि आपके बोलने की क्षमता विकसित हो सके और हकलाने की परेशानी दूर हो दूर होने में मदद मिले.
हकलाने से बचने के लिए आप जब रात को सोते सोने से पहले एकांत में एक शांत जगह ढूंढ कर कुछ व्यायाम करेंगे तो उससे आपको हकलाने की समस्या से निजात मिलेगा.
Haklane Ka Gharelu Upchar Kya Hai ?
हकलाना कोई बीमारी नहीं है हकलाना सिर्फ वह है जिसके अंतर्गत बात करते समय मनुष्य शब्दों का उच्चारण ठीक से नहीं कर पाता और शब्दों का उच्चारण करते समय उसकी जुबान लड़खड़ा जाती है.
हर तरह का पोस्टिक आहार लेना चाहिए जिससे कि शरीर में पोषण बना रहे और मुंह की मांसपेशियों को पूर्ण ऊर्जा मिलती रहे जिससे की बात करते समय वह लड़खड़ाये नहीं.
खाने में फलों का भी प्रयोग करना चाहिए जिससे कि मुंह की मांसपेशियों को उच्चतम कार्बोहाइड्रेट तथा अन्य पोषक तत्व भी मिले जो कि मुंह की मांसपेशियों को मजबूत करने में सहायता करें.
हकलाने को दूर करने के लिए समय अनुसार मुंह की पूर्ण रूप से एक्सरसाइज भी करना चाहिए जिससे कि मुंह की मांसपेशियों को शक्ति मिल सके.
Haklane Ki Ayurvedik Dawa Kya Hai ?
हकलाने की बीमारी को दूर करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक इलाज इस प्रकार है जोकि नीचे दिए गए हैं-
- गाय के देसी घी से हकलाने की समस्या जल्दी ठीक हो जाती है इसलिए खाने में गाय के देसी घी का उपयोग करना चाहिए.
- 4 से 6 बादाम रात को पानी में गला दें और सुबह उनवा दामों को मक्खन के साथ खाएं इससे हकलाने की समस्या कुछ ही दिनों में दूर हो जाएगी.
- ब्राह्मी तेल को जरा सा गर्म या गुनगुना कर लें और उस गर्म ब्राह्मी तेल से सर पर 40 से 45 मिनट तक मसाज करें उसके पश्चात शरीर को अच्छी तरह गुनगुने पानी से धूल लें या गुनगुने पानी से नहा ले इसे कुछ दिनों तक दोहराते रहें इससे आपको हकलाने की समस्या में आराम मिलेगा.
- एक से दो चम्मच सौंफ को एक बड़े गिलास पानी में तब तक उबालें जब तक वह आधा रह जाए उसके पश्चात इस पानी में एक कप गाय का दूध तथा स्वाद अनुसार मिश्री को मिलाकर पिए यह आप रोजाना रात को सोते समय कुछ दिनों तक लगातार पिए इससे आपका हकलाना ठीक हो जाएगा.
- दिन में दो या तीन बार आप काली मिर्च के चार पांच दानों को मुंह में रखकर चूस लें इससे आप को हकलाने की समस्या में बहुत ही जल्द आराम मिलेगा और हकलाने की समस्या ठीक हो जाएगी.
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