आपको कभी आपके शरीर के किसी भाग पर छोटी छोटी फुंसियाँ हुईं हैं और उन्होंने आपको बहुत ज्यादा दर्द दिया है तो आपको Herpes Simplex Virus Kya Hai – Herpes Ka Desi ilaj Ya Gharelu Upchar Kya Hain – Hindi – jaane.in हमारी पोस्ट जरुर पसंद और आपके काम आयेगी.
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Herpes Simplex Virus Kya Hai ?
यह दुनिया भर में तेजी से फैलने वाले संक्रमण संक्रमण में से एक है इस संक्रमण के दौरान शरीर की स्कैनिया त्वचा पर छोटे छोटे लाल चकत्ते पड़ जाते हैं यह साले जैसे होते हैं और यह बहुत ही ज्यादा दर्द देने वाले होते हैं हरप्रीत के लक्षणों को पकड़ पाना मुश्किल होता है हर पर संक्रमण हर्पीस सिंपलेक्स वायरस की वजह से होता है यह एक यौन संचारित रोग यानी एसटीडी है.

Herpes Kaise Hota Hai ?
हर्पीस संक्रमण हर्पीस सिंपलेक्स वायरस की वजह से होता है परंतु यह एक यौन संचारित लोग हैं इसलिए हर्पीस का संक्रमण किसी को भी प्रभावित कर सकता है परंतु चिकन पॉक्स से पीड़ित हो रहे किसी व्यक्ति को हर से संक्रमण आसानी से शिकार बना सकता है और जिस व्यक्ति के शरीर में पहले से ही चिकन पॉक्स का वायरस हो वह हर्पीस का बहुत आसान शिकार हो सकता है और चिकन पॉक्स वाले व्यक्ति को हर्पीस हो सकता है.
Harpes Ke Lakshan Kya Kya Hain ?
कई बार ऐसा भी होता है कि व्यक्ति स्वस्थ दिखता है और परंतु उसके शरीर में हर्पीस वायरस मौजूद होता है लेकिन उसके लक्षण लक्षण वर्कर नहीं आते जिनमें से कुछ लक्षण ऐसे भी होते हैं जो निम्नानुसार हैं-
- हर्पीस में ऐसा होता है कि कई दफा शरीर के गुप्त जननांगों में छोटे छोटे दाने से ऊपर आते हैं जिनमें पानी भरा होता है यह एक हर्पीस की सामान्य निशानी है.
- शरीर के जोड़ों में दर्द और शरीर में थकान के लक्षण आने लगते हैं.
- शरीर का तापमान बढ़ने लगता है और बुखार दिखता है.
- शरीर में दर्द और खुजली के भी लक्षण दिखाई देने लगते हैं.
- शरीर के कई भागों में छोटे छोटे दाने हो जाते हैं जिनमें पानी भरा होता है और जब यह पानी के दाने कपड़ों से रगड़ कर फूट जाते हैं तो जहां जहां यह पानी लगता है वहां वहां भी ऐसे ही दाने निकल आते हैं और उनके साथ भी यह प्रक्रिया होने लगती है इस तरह यह संक्रमण फैलता है.
Herpes Ka Desi ilaj Ya Gharelu Upchar Kya Hain ?
हर्पीस के घरेलू उपचार कुछ इस प्रकार निम्नलिखित हैं-
हर्पीस द्वारा प्रभावित क्षेत्र को पेट्रोलियम जेली से अच्छी तरह साफ करना चाहिए इससे हर्पीस का संक्रमण कम होने लगता है.
जिस जगह हर्पीस के लक्षण दिख रहे हैं या छोटे-छोटे पानी वाले दाने उभर आए हैं उन उन स्थानों को बार-बार भूलने से बचें और उन स्थानों को ज्यादा से ज्यादा समय तक सूखा रखने की कोशिश करें.
घाव या दानों पर सूखने वाला लोशन या कोई सामान्य क्रीम लगाते रहे.
बर्फ को किसी कपड़े में डालकर हर्पीस द्वारा प्रभावित स्थान पर लगाएं परंतु इस बात का पूर्णता ध्यान रखें कि वर्ग को सीधे त्वचा पर प्रयोग ना करें
हल्के नमकीन पानी से स्नान करें इससे हर्फ इसके लक्षण दूर होने में मदद मिलती है.
नहाने के पानी में फिटकरी को भुला जा सकता है और इस पानी को बाथ टप या किसी बड़ी टंकी में डालकर रोज 15 से 20 मिनट तक इस पानी में लेटे रहे इससे हर्पीस में बहुत ही जल्द आराम मिलेगा.
Herpes Ke Ayurvedic Upchar Kya Hain ?
हर्पीस के उपचार आयुर्वेदिक उपचार के लिए टी ट्री ऑयल का उपयोग किया जा सकता है टी ट्री ऑयल को इंफेक्शन वाली जगह पर लगाएं इससे इंफेक्शन खत्म होने लगता है.
जैतून के तेल का उपयोग भी हर्पीस के घावों को सुखाने के लिए किया जाता है जैतून का तेल हर्पीस के घावों को सुखा देता है क्योंकि इसमें एंटीबैक्टीरियल तत्व होते हैं इसलिए जैतून के तेल को ग्रसित हिस्सों पर लगाया जा सकता है.
मुलेठी की जड़ का चूर्ण बनाकर उस चोर को हर्पीस के घाव पर लगाया जा सकता है यह उस घाव को सुखा देता है और यह हर्पीस में लाभकारी होता है.
आयुर्वेद में एलोवेरा जेल कई रोगों के लिए उपयोगी दर्शाया गया है इस रोग में भी एलोवेरा जेल को प्रभावित स्थान पर लगाया जा सकता है एलोवेरा जेल लगाने से प्रभावित भाग में खुजली और दर्द कम हो जाता है.
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